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एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के फायदे

एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक 4 साल का कोर्स है। जो उम्मीदवार यह कोर्स करने के लिए हैं वे इस कोर्स को 12वीं में PCM के साथ न्यूनतम 50 - 55 प्रतिशत अंक प्राप्तं करने के बाद कर सकते हैं। एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के फायदे, फीस, जॉब की जानकारी यहा
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या है?
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का एक डोमेन है। इस क्षेत्र में हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर जैसे विमानों के डिजाइन और निर्माण का अध्ययन कराया जाता है।
कोर्स डिटेल
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के बाद जॉब्स ऑप्शन
  • एरोनॉटिकल मैकेनिक इंजीनियर 
  • एरोनॉटिकल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
  • फ्लाइट फाइटर 
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एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के लिए कोर्स फीस 6 से 12 लाख रुपये तक हो सकता है जो की कॉलेज और श्रेणी पर बीरभर करता है।
पॉपुलर कॉलेजेस
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के टॉप रिक्रूटर्स
  • इंडियन स्पेस रिसर्च 
  • इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO)
  • सिविल एविएशन डिपार्टमेंट 
  • एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी 
  • नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेट्रीज 
  • एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट 
  • सैमटेल एवियोनिक्स 
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कैसे बने
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग सैलरी
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद सैलरी पैकेज लगभग 6 से 11 LPA के बिच होती है।