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पायलट कैसे बनें?

अगर आप पायलट के रूप में करियर बनाना चाह रहे हैं, तो आप विज्ञान विषय के साथ 10+2 पास करने के बाद पायलट ट्रेनिंग कोर्स कर सकते हैं। भारत में पायलट बनने के इच्छुक छात्रों की न्यूनतम आयु सीमा 17 साल है। विशेष जानकारी के लिए अगली स्लाइड पर जाएं।
पायलट बनने के लिए एंट्रेंस एग्जाम
NDA और AFCAT के जरिए टॉप सरकारी पायलट स्कूलों में एडमिशन मिलता है। जहां से आप पढ़ाई के बाद पायलट बन अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
टॉप पायलट ट्रेनिंग स्कूल
1:  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
2: बॉम्बे फ्लाइंग क्लब
3: राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी
4: मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब
5: नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स
पायलट के प्रकार
अगर टाइप्स ऑफ पायलट की बात करें तो ये चार प्रकार के होते हैं। एयरलाइन पायलट, कमर्शियल पायलट, फाइटर पायलट और चार्टर पायलट।
पायलट योग्यता परीक्षा
इसमें लिखित परीक्षा और मशीन टेस्ट्स होते हैं। इसमें इंस्ट्रूमेंट्स को पढ़ने समझने की कैंडिडेट की क्षमता आंकी जाती है। साथ में मेंटल स्ट्रेंथ भी देखी जाती है।
पायलट के लिए मेडिकल टेस्ट
इसमें कैंडिडेट का वजन, लंबाई और आंखों के विजन की गहराई से जांच होती है। इसके लिए आई विजन एक आंख में 6/6 और दूसरी में 6/9 होना चाहिए।
पायलट की नौकरी के लिए जरूरी सर्टिफिकेट
पायलट की नौकरी पाने के लिए कैंडिडेट के पास कमर्शियल पायलट सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। जो डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल ऑफ सिविल एविएशन इन इंडिया जारी करता है।